डॉ. जितेंद्र सिंह: स्वास्थ्य और स्वच्छ जल में क्रांति ला रहा भारत का शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम

Fri 05-Dec-2025,11:29 AM IST +05:30

ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |

Follow Us

डॉ. जितेंद्र सिंह: स्वास्थ्य और स्वच्छ जल में क्रांति ला रहा भारत का शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम
  • डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत का परमाणु कार्यक्रम स्वास्थ्य, कृषि और जल शोधन के माध्यम से नागरिक कल्याण को नई दिशा दे रहा है।

  • कालाहांडी में 500 आरओ इकाइयों और अन्य जिलों में परमाणु-समर्थित जल शोधन तकनीक से ग्रामीण क्षेत्रों को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध हो रहा है।

Delhi / New Delhi :

Delhi/ प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान कहा कि भारत का परमाणु कार्यक्रम आज डॉ. होमी भाभा की उस ऐतिहासिक घोषणा की पुष्टि कर रहा है, जिसके तहत देश की परमाणु ऊर्जा पहल का मूल उद्देश्य केवल शांतिपूर्ण उपयोग और मानव कल्याण के लिए वैज्ञानिक क्षमता का विकास था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में यह संकल्प और भी मजबूत हुआ है और आज परमाणु विज्ञान का विस्तार ऊर्जा क्षेत्र से आगे बढ़कर स्वास्थ्य सेवा, कृषि, पेयजल शोधन और नागरिक-केंद्रित तकनीकी समाधानों तक पहुंच चुका है।

डॉ. सिंह ने कहा कि भारत के परमाणु कार्यक्रम की शुरुआत में दुनिया की अनेक शक्तियों ने शंका व्यक्त की थी, लेकिन आज कैंसर उपचार में नई उपलब्धियों, सामुदायिक जल शोधन प्रणालियों तथा कृषि में तकनीकी सहायता ने यह सिद्ध कर दिया है कि भारत का परमाणु दृष्टिकोण पूर्णतः उत्तरदायी, शांतिपूर्ण और मानव कल्याण पर केंद्रित है। उन्होंने बताया कि टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पतालों का विस्तार इसका सशक्त उदाहरण है, जहां 11 कैंसर अस्पताल स्थापित किए गए हैं, जिनमें से 9 सक्रिय हैं। इसके साथ ही राष्ट्रीय ऑन्कोलॉजी ग्रिड के माध्यम से 300 से अधिक अस्पतालों को उन्नत निदान और उपचार क्षमता से जोड़ा गया है।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पहली बार सार्वजनिक–निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत परमाणु क्षेत्र को निजी भागीदारी के लिए खोलने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है, जिससे लगभग 40 निजी साझेदार परमाणु ऊर्जा, जल शोधन, रेडियो-आइसोटोप, स्वास्थ्य और उद्योग से जुड़े क्षेत्रों में सहभागिता कर सकेंगे। यह कदम सरकार की उस प्रतिबद्धता को बल देता है जिसके तहत एक स्वस्थ, सुरक्षित और सशक्त भारत के निर्माण हेतु विज्ञान और तकनीक को जन-जीवन तक पहुंचाया जा रहा है।

Delhi/ कालाहांडी (ओडिशा) से सांसद मालविका देवी के प्रश्न के उत्तर में, डॉ. सिंह ने कहा कि दूषित पानी के कारण स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे क्षेत्रों में परमाणु-समर्थित जल शोधन प्रणालियों ने उल्लेखनीय लाभ दिए हैं। कालाहांडी ज़िले में स्थापित 500 आरओ-आधारित सामुदायिक जल शोधन इकाइयों ने लवणता और हानिकारक रसायनों को हटाकर लाखों लोगों के लिए स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया है। इसके अतिरिक्त चुनिंदा स्थानों पर अल्ट्राफिल्ट्रेशन प्रणालियों द्वारा सूक्ष्म जीवाणुओं एवं रोगाणुओं को नष्ट करने की क्षमता भी जोड़ी गई है।

उन्होंने बताया कि ओडिशा के अलावा खोरधा, मयूरभंज और बौध जिलों में भी परमाणु प्रौद्योगिकी आधारित जल शोधन इकाइयां कार्यरत हैं। साथ ही पश्चिम बंगाल, बिहार, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, तमिलनाडु, केरल, असम और कर्नाटक जैसे राज्यों में भी जन-स्वास्थ्य आवश्यकताओं के आधार पर बिना किसी भेदभाव के ऐसी प्रणालियां स्थापित की गई हैं।

डॉ. सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी बार-बार यह स्पष्ट कर चुके हैं कि विकसित भारत के निर्माण में हर नागरिक को योगदान देना है, और इसके लिए नागरिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा, पेयजल एवं कृषि क्षेत्रों में परमाणु प्रौद्योगिकी के सकारात्मक परिणाम यह दर्शाते हैं कि भारत का परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों से राष्ट्रीय विकास के सबसे प्रभावशाली स्तंभों में बदल रहा है और देश के सबसे दूरस्थ क्षेत्रों तक लोगों के जीवन में सुधार ला रहा है।